मंगलवार, 22 मार्च 2022

च्यवन ऋषि और सुकन्या



 च्यवन ऋषि की कहानी - एक कल्प का वृतांत मै आज आप लोगों के सम्मुख बताने की चेष्टा कर रहा हूं शायद आप सज्जनों को अच्छा लगे.क्योंकि भागमभाग की जिंदगी में मन को एकाग्रचित करने में कथा-कहानी संगीत दंत कथाएं काफी हद तक सार्थक रहे है, इसलिए मैने सोचा एक कहानी ही लिखूं|



तो आइए कहानी पर चलते हैं-  एक समय कृपालु,तेजश्वी,यशष्वी राजा सर्याती का राज्य था.उनके राज्य में चारो तरफ यश ही यश था

राजा अपने कर्तब्यों का निर्वाह अच्छे तरीके से कर रहे थे तथा प्रजाजन उनके कर्तब्यों से बहुत खुश थे.

चारो तरफ खुशियां बाहें फैलाए हुए थी कहीं भी किसी भी प्रकार की कमी न थी, इसी बिच राजा के मन मे सपरिवार तीर्थ करने की इच्छा हुई सो उन्होने अपने मंत्री से विचार व्यक्त की.


तत्पस्चात  मंत्री ने सारा प्रबन्ध कर यात्रा की ओर सभी लोग चल पड़े| चलते चलते दोपहर हो गये धूप भी ज्यादा तिब्रता दिखाने लगी तो राजा ने विश्राम करने का निर्णय कर सबको ठहरने की आज्ञा दी|

सैनिकों ने  सभी पशुओं को अलग अलग बाध विश्राम करने लगे, इसी बीच राजा सर्याति की पुत्री सुकन्या अपनी सखियों को साथ लेकर वनविहार करने निकल पड़ी| घुमते-2 वे वन के काफी अन्दर चली गईं, अचानक उन्हे एक मिट्टी के वाल्मिक से दो प्रकाश पुंज दिखाई पड़े|वह सखियों संग कौतुहल वश देखने चली गईं,


देखते-देखते उन्होने एक सीक(लकड़ी) जहाॅ से प्रकाश आ रहआ था उस वाल्मिक मे अन्दर डाला एकाएक उस वाल्मिक से चीख निकली और वह घबराकर दुसरे प्रकाश मे भी सीक मार दी वाल्मीक फूट गई ऋषि खड़े हो गये और चिल्लाने लगे कौन दुष्ट पापी है जो मेरी आंखे फोड़ दी वे दर्द से व्याकुल हो रहे थे | उनके व्याकुलता ने राजा सर्याति के पड़ाव मे खलबली मचा दी | हाथी, घोड़े, सैनीक सब मरने लगे, इधर दासी ने आकर सारा वृतांत कह सुनाया तब राजा सहित सभी लोग घटना स्थल पर पहुचे|

 सुकन्या - उधर राजा सर्याति की पुत्री सुकन्या हाथ जोड़ ऋषि से क्षमा मांग रही है और कह रही है हे महात्मन शिरोमणि मुझसे बहुत बड़ी भुल हुई सो मै क्षमा मांगने की भी अधिकारी नही हूं फिर भी अगर आपको लगता है कि मुझसे आपके लिये कुछ हो सकता है तो बताइए मै वह दंड भोगने के लिए तैयार हूं मै आपकी जीवन पर्यन्त ऋणि रहुंगी|


 च्यवन ऋषि- हे कन्या तु बड़ी पापिनी है तुने मुझसे मेरे नेत्र छीन लिए अब मै इस संसार में कैसे रहुंगा इस हृदय विदादक शब्द ने वहां खड़े सभी लोगों के नेत्र मे अश्रु भर दिए हृदय भावनाओ के वेग से फटने लगा सभी लोग घोर दुख के सागर में डुब रहे थे कि एकाएक सुकन्या के शब्द ने सबके दुखों को भेदते हुए आश्चर्यचकित कर दिया|

  

 सर्याति - महात्मन मै राजा सर्याति (ऋषि के चरण पकड़कर) हूं और यह कन्या मेरी पुत्री है और मै इसका पिता इस तरह पापी मै हूं यह नादान है दण्ड का भी भागी मै ही हूं अत: इसे क्षमा कर जो दण्ड हो मुझे दें मुझे स्वीकार होगा| आप इसके बातों को ध्यान न दें | तभी

सुकन्या- नही पिताश्री पाप मैने किया है तो प्रायश्चित भी मुझे ही करना होगा,

मै इनकी जीवनसंगीनी बनूगी और ये मेरी नेत्रों से दखेगें यही विधिलेख है|

सुकन्या के हठ के आगे उनके माता-पिता की एक न चली और च्यवन-सुकन्या की शादी सम्पन्न करा दी गई|

धिरे - धिरे समय बितता गया, एक दिन जब सुकन्या पूजा के लिए निकली तो  नारद जी मिले | सुकन्या ने नारद जी को प्रणाम किया तो नारद जी ने आशिर्वाद दिया और कुशल क्षेम पूछा तब सुकन्या ने कहा हे महात्मन आप सब जानते हैं| इसपर नारद जी ने कहा तुम इंद्र की उपासना करो वही तुम्हारे पीड़ा का समाधान करेंगे, और अनतर्ध्यान हो गये|

इन्द्र उपासना-  सुकन्या के घोर तपस्या करने के बाद इन्द्र ने दर्शन दिये और मनोवांछित फल मांगने को कहा, सुकन्या ने प्रणाम किया और कहा हे श्रेष्ठ अगर कुछ देना ही चाहते हैं तो हमारे पति को नवकाया प्रदान करें उन्हे मेरे उम्र का करें(आपको बता दें कि सादी के वक्त सुकन्या की उम्र 16साल व च्यवन ऋषि की उम्र 200 साल थी) इतना सुनने के बाद इन्द्रदेव ने धनवन्तरी को बुलाया और सारी बातें बताई|

धनवन्तरी- धनवन्तरी जी सारी बातें सुनकर बोले, हे सुकन्या जिस औषधि के बारे में मै तुम्हे बता रहा हूं ध्यान से सुनों इस औषधि को बनाना बड़ा कठिन है इसे मेरे कथनानुसार बनाना और अपने पति को २१ दिन खिलाना वे फिर से नये जवान हो जाएगें और उस औषधि को सुकन्या को दे दिये |

तत्पस्चात सुकन्या ने उस औषधि का प्राश तैयार किया और च्यवन ऋषि को खिलाने लगी,

ठीक२१ दिन बाद च्यवन ऋषि जवान हुये और उनकी दिनचर्या सफल हुई

धन्यवाद

आगे की कहानी फिर कभी......... .

रविवार, 20 मार्च 2022

pmkisan-ekyc kaise karen

                                       


किसान सम्मान निधी योजना में  इ के वाई सी (e-kyc) कैसे करें -बीते कुछ दिनों से pmkisan.gov.in आफिसियल वेबसाईट पर के वाई सी अनिवार्य का notification दिखा रहा है जिसको पूरा करना है|

किसान सम्मान निधी का शुभारम्भ १ दिसम्बर २०१८ को किया गया था इसका उदेश्य देश के छोटे एवं सिमान्त किसानो के हित के लिए किया गया ताकि उन्हे आर्थिक परेशानियों का सामना ना करना पड़े,

आपको बता दें कि इस योजना के तहत  देश के किसान भाई बहनो के खाते में  सरकार द्वारा वर्ष ६००० रू तीन किश्तों में प्रदान की जाती है



pmkisan samman nidhi e-kyc 

के लिए अधिकारीक वेबसाईट पर जाएं  e-kyc चुनें

अब आपके सामने आपके सामने आधार फीड का आप्सन दिखाई देगा(aadhar no.*******) फीड करें  सर्च करें

अब (mobile no.******) डालें और  send OTP पर क्लिक करें

बाॅक्स में OTP डालें और आधार बेस्ड OTPके लिए रिक्वेस्ट करें 

अब आपके आधार लिंक्ड मोबाइल नम्बर एक 6 digit का  OTP आएगा उसे फील कर सब्मिट करें

इस तरह e-kyc submitted हो जाएगा.

शुक्रवार, 18 मार्च 2022

Champaran mutton- चम्पारण मटन रेसिपी

 चम्पारण मटन रेसिपी-चम्पारण मटन का नाम सुनते ही एक अलग तरह के टेस्ट का अनुभव होने लगता है-

                                         


तो आइए जानते हैं इसकी खासियत जो इसे बनाता है अलग और साथ मे जानते हैं इसको बनाने के तरीके के बारे में , तो  यह खास इसलिए है कि इसको बनाते हैं हांडी में जिसका स्वाद अनोखा हो जाता है मिट्टी की बर्तन की वजह से  आपने मिट्टी के बर्तन में चाय तो पी होगी, कितना आनन्द आता है  यह बनता ही है मिट्टी के बर्तन मे तो उसकी खुशबू के साथ यह और बेहतरीन हो जाता है|                                                इसमें पड़ने वाले मसालों की बात करें तो वह भी सधे हुए होते हैंhttps://apnikhabarapanisoch.blogspot.com     


  रेसिपी 1किलो मटन के लिए-

प्याज - 400ग्राम,


लहसुन -100ग्राम


अदरक - 50ग्राम


खड़ा लाल मिर्च - 10ग्राम


हल्दी - 8ग्राम पिसा


दही - 100ग्राम


सरसो तेल - 150ग्राम


नमक - 35ग्राम आप्सनल


पिसा जीरा - 10ग्राम


धनिया पाऊडर - 20ग्राम


काली मिर्च - 5ग्राम


खड़ा गरम मसाला -दालचीनी,पोस्ता,सहजीरा,गोलकी,जायफल,चक्रफूल,लवंग,बड़ी इलायची,छोटी इलायची,जावित्री - टोटल 20ग्राम


एक हान्डी, एक ढकन,थोड़ा गुथा आटा सील करने के लिए....


तरीका---- एक बड़े बर्तन में साफ मटन लें, अब उसमें लहसुन अदरक का पेस्ट,दही,हल्दी मिला कर 1/2घण्टा ढककर रख दें|अब प्याज को बारीक काट लें और गरम मसालों को कुटकर रख लें


अब मटन में बाकी सभी मसालों और प्याज को डाल दें 


अब हांडी में तेल डालें और सभी तरफ घूमायें और चुल्हे परखकर तेल गरम करें और हांडी उतार लें


अब आधा तेल मटन में डालकर अच्छी तरह मिला लें


अब हांडी में बाकी बचे तेल मे खड़े लाल मिर्च को तोड़कर डालें और हल्का भुने और हांडी उतार कर उसमे मटन को डालें ढक्कन लगाए और आटे से सील कर दें


अब हांडी को चुल्हे पर रखकर एकदम लो फ्लेम पर 20मिनट पकने दे 


अब हांडी सावधानी से हाथ मे लेकर हिलाए और वापस चुल्हे पर रख दें


20मिनट पकने दे अब हांडी उतार लें


आपका चम्पारण हांडी मटन तैयार है|


आशा है आपको पसंद आई होगी


धन्यबाद